9th
February
पचास बार आ चुका है 9th February
तो फिर,
एक बार फिर से आ गया तो क्या हुआ ?
क्या
इस दिन में
वही रौनक है ?
वही भीनी हवा की खुशबू ,
वही फूलों की बहार ?
भई किसी और को लगे या न लगे,
मुझे तो बहुत भाता है यह दिन |
आज भी,
“colour
dress” पहनने का जी करता है ,
सखियों को चॉकलेट देने का और
उनके हांथों से बने कार्ड पाने को मन तरसता है |
शाम को बलून से सजा हुवा ड्राइंग रूम में केक काटना
और
happy birthday का वही पुरानी धुन सुनने की बेताबी है
|
भई किसी और को लगे या न लगे,
मुझे तो बहुत भाता है यह दिन |
अभी तो,
दो चोटी की जगह कुछ सफ़ेद बाल,
आलमारी में फ्रॉक नहीँ पर साडी तो है,
कुछ प्यारे चेहेरे पास नहीं , फिर भी,
उनकी यादें और कुछ नए मुखड़े समीप है |
अगर,
मेरे कुछ नाम विस्मृत हो गए
तो कुछ नए नाम भी तो आमद हैं ,
कुछ बीती बातें रुलाती हैं तो
नई बातें हंसाती भी तो है |
अगर कल,
झुर्रियों से भर जाये चेहरा ,
धीमी हो जाये आँखों की रौशनी,
कुछ पराये से हो जाएँ अपने लोग ,
किसी की आवाज़ सुनने को, उन्हें जी भर देखने को जी तरसे
और
ऐसे ही, कई
बार 9th February की सुबह
आये और बस वैसे ही चली जाये ??
इसलिए ,
सारे 9th Feb,
मैं संजो के रखती हूँ,
यह हवा की भीनी खुशबू,
यह सुबह की नर्म धूप ,
मेरे नज़दीक मुस्कुराते चेहेरे,
गिफ्ट के लिए नोंक-झोंक,
कुछ मान, कुछ अभिमान,
यह सारे पल,
दिल के इक कोने में,
संवार के,
संभाल के रखती हूँ |
हो सकता है,
इनकी यादें,
fixed deposit के
interest की तरह ,
बाद में काम आये !!
पता नहीं,
मेरे लिए
और कितनी बार आएगी 9th February .......
पर,
किसी और को लगे या न लगे,
मुझे तो बहुत भाता है यह दिन |
***
9th February 2018 , Belvedere, Alipore, Kolkata